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एक बार वह वडी विपद मे
पडकर था अकुलाया। भन की खातिर देश छोड कर
वह विदेश था आया॥
सोचा,अर्जन कर के धन जब
जायेगा वह घर मे। उसकी पत्नी स्वय करेगी
स्वागत मीठे स्वर मे॥
किन्तु भाग्य का खेल, वहाँ वह
कमा नही कुछ पाया। द्रव्य गांठ मे जो भी था वह
उसने वहाँ गँवाया।
अपने घर जव वापस आया
___ खाली हाथो ठूछा। तुरत डपट कर उससे उसकी
पत्नी ने ही पूछा।
ज्य महादीर / 93