Book Title: Jain Vidya 13
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 68
________________ 58 ] [ जनविद्या-13 विषय धर्मपरीक्षा (अमितगति) 11.82-93 धम्मपरिक्खा (हरिषेण) 4.20 यमराज द्वारा छाया और अग्नि का उदरस्थ किया जाना अग्निदेव का छिप जाना 11.94-95 4.21 द्वादशम परिच्छेद 4.22 4.23 5.1 अग्निदेव और यमराज के देवत्व 12.1-15 का प्रश्न प्राप्त का स्वरूप-वीतरागता 12.16-26 देवों में ऋद्धि का होना 12.27-29 शिश्नच्छेदनकथा 12.30-33 स्वर शिरश्छेदन-कथा 12.34-52 शिला और वानरनृत्य-कथा 12.53-76 कमण्डलु में हाथी का प्रवेश और 12.77-97 उस पर आश्चर्य करना। यहाँ बीच में ही परिच्छेद परिवर्तन हो 5.2-6 5.7 5.8-9 5.10-11 गया त्रयोदश परिच्छेद विप्रगण द्वारा आश्चर्य व्यक्त, 13.1-6 5.12 युधिष्ठिर द्वारा रसातल से दस 13.7-17 5.13 करोड़ सेना और शेषनाग सहित सप्तर्षियों को ले आना अगस्त्य और ब्रह्मा की सृष्टिकथा 13.18-36 5.14-15 ब्रह्मा-विष्णु आदि की कथानों 13.37-53 5.16-17 पर प्रश्न अन्य पौराणिक कथाओं का 13.54-110 5.18-20 भी उल्लेख और जिनेन्द्र- लोक स्वरूप का यहाँ अन्य पौराणिक गुणों की विशेषता वर्णन-अमितगति कथाओं का कोई ने बिल्कुल छोड़ उल्लेख नहीं है दिया है 6.1-18 लोक-स्वरूप का वर्णन है

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