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४४ | विषय - सूची
अयोग्य कौन २ २२६, साधु-धर्म-दीक्षा ग्रहण के समय की प्रतिज्ञा २२०, साधु के सत्ताईस गुण २२१, [१५] पच्चीस भावनाओं सहित महाव्रत पालन- २२२, [ ६-१० ] पंचेन्द्रियनिग्रह २२३,, [११-१४] चतुविध कषाय विवेक २२३, [१५] भाव सत्य [१६] करण सत्य २२३, अस्वाध्याय के ३२ कारण २२४, षडावश्यक का क्रम २२५, प्रतिलेखन विधि तथा अप्रमादयुक्त प्रतिलेखना २२६, कायोत्सर्ग के १६ दोष २२७ वन्दना के ३२ दोष २२७, आहार करने और त्यागने के छह-छह कारण २२८, भिक्षाचरी के ४७ दोष २२६, पाँच समिति और तीन गुप्ति संबंधी शुद्ध क्रियाएँ २३०, दशविध समाचारी रूप क्रियाएँ २३२, बारह भावनाओं की अनुप्रेक्षा २३२, बारह भावनाओं की अनुप्रेक्षा नाम और संक्षिप्त वर्णन २३३, बारह भिक्षु प्रतिमाओं. की साधना २३६, [१७] योग सत्य २३८ [१८] क्षमा २३८ [१६] विरागता २:८, [२०] मनः समाहरणता २३८ (२१) वाग्समाह रणता २३८, (२२) काय समाहरणता २३८, (२३) ज्ञान संपन्नता २३८, (२४) दर्शन संपन्नता २३६ (२५) चारित्र संपन्नता २३६, सामायिक चरित्र २३६, छेदोपस्थापनीय चारित्र २४०, परिहारविशुद्धि चारित्र २४० सूक्ष्मसंपराय चारित्र २४०, यथाख्यात चारित्र २४०, (२६) वेदना समाध्यासना २४१, उपर्सग और परिषह २४१ क्षुधा पिपासा परिषह २४१, शीत-उष्ण परिषह २४१, दंश मशक परिषह २४१, अचेल परिषह २४१, अरति परिषह २४२, स्त्री परिषह २४२, चर्या परिषह २४२, निषद्या परिषह २०२, शय्या परीषह २४२, आक्रोश परीषद २४३, वधपरीषह २४३, याचना - परषह २४३, अलाभ परीषह २४३, रोगपरीषह २४३, तृणस्पर्श - परीषह २४३, जल्ल परीषह २४४, सत्कार पुरस्कार परीषह २४४, प्रज्ञा परीषह २४४, अज्ञान परीषह २४४, अदर्शन परीषह २४४, (२७) मारणान्तिक समाध्यासना २४५, प्रकारान्तर से साधु के २७ गुण २४६, सत्रह प्रकार के संयम में दत्तचित्त मुनि २४६, समवायांग सूत्रोक्त सत्रह प्रकार का संयम २४६, प्रकाशन्तर से सत्रह प्रकार का संयम २४६, श्रमणों के दस उत्तम धर्म २४६, (१) क्षमा धर्म २५०, (अ) स्वयं में क्रोधनिमित्त होने न होने का चिन्तन २५०, (आ) क्रोधवृत्ति के दोषों का चिन्तन २५१, (इ) अपकारी के बाल स्वभाव का चिन्तन २५१, (ई) स्वकृत कर्मों का चिन्तन २५१, ( उ ) क्षमा की शक्ति का चिन्तन २५२, (२) मुक्ति धर्म २५२ ( ३ ) आर्जव धर्म २५३, (४) मार्दव धर्म २५३ (५) लाघव धर्म २५३, (६) सत्य धर्म २५४, (७) संयम धर्म २५५, (८) तपोधर्म २५५, (६)