Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 6
________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह द्वितीय भाग सम्मतियाँ 'स्थानकवासी जैन' अहमदाबाद ता०४-१-४१ ई० श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह [द्वितीय भाग] छा और सातवाँ बोल। संग्रह कर्ता शेठ भैरोदानजी शेठिया, जैन पारमार्थिक संस्था, बीकानेर । पाकं, पुढं, मोटी साईज, पृष्ट संख्या ४७५ । मूल्य रु० १-८-०। जैन मागमो माँ (१) द्रव्यानुयोग (२) गणितानुयोग (1) कथानुयोग भने (४) चरणकरणानुयोग एवा चार विभागो पाडवा मां पाव्या के तेमां सौथी प्रथम द्रव्यानुयोग के जेन जाणपणु श्रावक साधु वर्गे सौथी प्रथम करवान होय छ । भेजाणपणा पछीज बीजा विषय मां दाखल थतां ज्ञान विकास थाय छ। द्रव्यानुयोग एटले जैन धर्म नं तत्त्वज्ञान । तत्त्वज्ञान ना फेलाषा माटे शक्य प्रयत्नो करवा जोईए। श्रीमान् शेठ भैरोदानजी जैन तत्त्वज्ञान जाणवा भने जनता ने जगाववा केटला उत्सुक छे ते मा प्रकाशन पर थी जणाय छ। तेश्रो मे प्रथम भाग प्रसिद्ध करी अकथी पांच बोल सुधीन घृतान्त अगाउ पाप्यु हतुं। माजे छठा अने सातवा बोल नु वृत्तान्त आ ग्रन्थ द्वारा अपाय छे ।मा पुस्तक ने पांच भाग मां पूर्ण करवा इच्छा राखेल, पण जैन ज्ञान भंडार समृद्ध होवा थी जेम जेम वधारे अवलोकन थतुं जाय के तेम तेम वधारे रत्नो सांपडता जता होई हवे धारवा मां आवे छे के कदाच पूर्ण करतां दशभाग पण थाय। ठाणांग सूत्र मां १-२-.३.४-५ मेवा बोलो नजरे पड़े के पण ते संपूर्ण न

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