Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 455
________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह 423 (8) पुष्प- फूल / (6) फल / (10) बीज / ____(ठाणांग, सूत्र 773) 746- दस सूक्ष्म सूक्ष्म दस प्रकार के होते हैं। वे ये हैं(१) माण यूक्ष्म (2) पनक सूक्ष्म (३)बीज सूक्ष्म (4) हरित सूक्ष्म (5) पुष्प सूक्ष्म (6) अण्ड सूक्ष्म (7) लयन सूक्ष्म (उत्र्तिग सूक्ष्म) (8) स्नेह सूक्ष्म (6) गणित सूक्ष्म (10) भङ्ग सूक्ष्म / ___ इन में से आठ की व्याख्या तो इसी भाग के आठवें बोल संग्रह के बोल नं० 611 में दे दी गई है। (6) गणित सूक्ष्म- गणित यानि संख्या की जोड़ (संकलन) आदि को गणित सूक्ष्म कहते हैं, क्योंकि इसका ज्ञान भी सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ही होता है। (10) भङ्ग सूक्ष्म-वस्तु विकल्प को भङ्ग कहते हैं। यह भङ्गदो प्रकार का है। स्थान भङ्ग और क्रम भङ्ग / जैसे हिंसा के विषय में स्थानभङ्ग कल्पना इस प्रकार है(क) द्रव्य से हिंसा, भाव से नहीं। (ख) भाव से हिंसा, द्रव्य से नहीं। (ग) द्रव्य और भाव दोनों से हिंसा / (घ) द्रव्य और भाव दोनों से हिंसा नहीं। हिंसा के ही विषय में क्रम भङ्ग कल्पना इस प्रकार है(क) द्रव्य और भाव से हिंसा। (ख) द्रव्य से हिंसा, भाव से नहीं। (ग) भाव से हिंसा, द्रव्य से नहीं। (घ) न द्रव्य से हिंसा, न भाव से हिंसा / यह भङ्ग सूक्ष्म कहलाता है क्योंकि इसमें विकल्प विशेष होने

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