Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 489
________________ श्री जैन सिद्या कोल संग्रह परिशिष्ट बोल न०६८५] उपासक दशांग के मानन्दाध्ययन में नीचे लिखा पाठ पाया है- नोमल. मे भंते कापड अजप्पभिई प्रभउथिए वा, अन्नउत्थियदेवयाणि वा, अनउत्थिपरिमगाहयाणि वा चंदिसए वा नमंसिसर था इत्यादि। अर्थात्- हे भगवन् ! मुझे माज से लेकर अन्य यूथिक, मन्य यूधिक के देव अथवा अन्य यूथिक के द्वारा सम्मानित या गृहीत को वन्दना नमस्कार करना नहीं कल्पता / इस जगह तीन प्रकार के पाठ उपलब्ध होते हैं (क) अत्र उत्थिय परिग्गहियाणि। (ख) अन्नदात्ययपरिग्गहियाणि चेहयाई। '(ग) अन्न उत्थिपरिग्गाहियाणि अरिहंत चेहयाई / विवाद का विषय होने के कारण इस विषय में प्रति तथा पाठों का खुलासा नीचे लिखे अनुसार है [क] 'अन्न उत्थियपरिग्गहियाणि ' यह पाठ बिब्लोथिका इण्डिका, कलकत्ता द्वारा ई० सन् 1860 में प्रकाशित अंग्रेजी अनुवादसहित उपासकदशामसूब में है। इसका अनुवाद और संशोधन डाक्टर ए० एफ्० रुडल्फ हार्नले पी-एच. डी. ट्यूविंजन, फेलो माफ कलकत्ता युनिवर्सिटी, भानरेरी फाइलोलोजिकल सेकेट्री दी एसियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल ने किया है। उन्हों ने टिप्पणी में पांच प्रतियों का उल्लेख किया है जिन का नाम A. B.C. D. और E. रक्खा है। A. B. मोर D. में (ख) पाठ है। C. और E. में (ग)। हार्नले साहेब ने 'चेहयाई' और 'अरिहंतचेहयाई' दोनों प्रकार के पाठ को प्रक्षिप्त माना है। उनका कहना है- 'देण्याणि' और 'परिग्गहियाणि' पदों में सूत्रकार ने द्वितीया के बहुवचन में 'णि' प्रत्यय लगाया है। 'चेहयाई' में 'ई' होने से मालूम पड़ता है कि यह शब्द बाद में किसी दूसरे का डाला हुआ है। हार्नले साहेब ने पांचों प्रतियों का परिचय इस प्रकार दिया है (A) यह प्रति इण्डिया आफिस लाइब्रेरी कलकत्ते में है। इसमें४० पाने हैं प्रत्येक पन्ने में 10 पंक्तियां और प्रत्येक पंक्ति में 38 अक्षर हैं। इस पर सम्बत् 1564, सावन सुदी 14 का समय दिया हुमा है। प्रति प्रायः शुद्ध है। . (B) यह प्रति बंगाल एसियाटिक सोसाइटी की लाइब्रेरी में है। बीकानेर महाराजा के भगडार में रक्खी हुई पुरानी प्रति की यह नकल है। यह नकल सोसाइटी ने गवर्नमेण्ट माफ इण्डिया के बीच में पड़ने पर की थी। सोसाइटी जिस प्रति की नकल करवाना चाहती थी, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित बीकानेर भण्डार की सची में उसका 1

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