________________ भी सेटिका जैन माला ) के दस कुलकरों के नाम इस प्रकार हैं (1) शतंजल (2) शतायु (3) अनन्तसेन (4) अमितसेन .1(5) तक्रसेन (6) भीमसेन (7) महाभीमसेन-(८) दृढरथ (8) दशरथ और (10) शतरथ / ...... ठाणांग, सूत्र 767) 767- कुलकर दसआनेवाली उत्सर्पिणी के जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में आगामी उत्सर्पिणी काल में होने 'वाले दस कुलकरों के नाम. (1) सीमकर (2) सीमंधर (3) क्षेमंकर (4) क्षेमंधर (5) विमल वाहन (6) संमुचि (7) प्रतिश्रुत (E) दृढधनुः (6) दश धनुःऔर (16) शतधनुः। (ठाणांग, सूत्र 767) ७६८-दान दस.. . .. अपने अधिकार में रही हुई वस्तु दूसरे को देना दान कह लाता है, अर्थात् उस वस्तु पर से अपना अधिकार हटा कर / दूसरे का अधिकार कर देनादान है। दान के दस भेद हैं(१)अनुकम्पादान-किसी दुखी, दीन,अनाथ पाणी पर मनुकम्पा (दया) करके जो दान दिया जाता है, वह अनुकम्पा दान है। वाचक मुख्य श्री उमास्वाति ने अनुकम्पा दान का लक्षण करते हुए कहा है- ......... कृपणेऽनाथदरिद्रे व्यसनप्राप्ते च रोगशीकहते / यहीयते कृपार्थात् अनुकम्पा तद्भवेदानम् // . : अर्थात्-कृपण (दीन), अनाथ, दरिद्र, दुखी, रोगी, शोकग्रस्त आदि प्राणियों पर अनुकम्पा करके जो दान दिया जाता है वह अनुकम्पा दान है। ..(2) संग्रहदान-संग्रह अर्थात् सहायता प्राप्त करना। आपत्ति आदि आने पर सहायता प्राप्त करने के लिए किसी को कुछ