Book Title: Jain Shasan Samstha ki Shastriya Sanchalan Paddhati
Author(s): Shankarlal Munot
Publisher: Shankarlal Munot

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Page 46
________________ ३८] श्री जैन शासन संस्था (११) जीवदया द्रव्य .. निराधार पशु पंखोओना जीवन संरक्षण माटे समर्पण थयेल ते जीवदया द्रव्य तेमा पांजरापोल परबड़ी (प्याऊ) वगेरे तमाम जीवदया सम्बन्धी कार्योनो समावेश थाय छे अने ते द्रव्यनो, जीवो मरतों बचाववा, वृद्ध, लुलां, पांगला, अने निराधार पशु पंखोओना रोग दुख दूर करवा तथा तेना. जीवन निर्वाह माटेज खरची सकाय । बीजा कोई पण कार्यमां के मनुष्यना उपयोगमा लई सकाय नहीं, ता० क०-जे जे खातानी, रकमों स्थायी, फंड (अनामत) के चालु फंडनी रकमोनुं व्याज, मकान, भाड़ा, खेती के कोईपण साधनधी उत्पन्न थाल आवक ते ते खातानी गणाय अने अणवपरायेल रकम अगर उद्देश मुजब खर्च करवा छतां वधारानी रकम पण जे ते खातानो गणाय अने व्यय माटे पण ते ते खाताना नियमों तेने लागु पड़े छ । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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