Book Title: Jain Satyaprakash 1937 05 SrNo 22
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .niu . niromisinominantannian-nirmananesaminations .. ... .................................... ++ T .. hhhhhhhutt Tum... ... ......................... ++ .... ... ... ++ ... समीक्षाभ्रमाविष्करण [याने दिगम्बरमतानुयायी अजितकुमार शास्त्रीए " श्वेताम्बरमतसमीक्षा"मां __आळेखेल प्रश्ननो प्रत्युत्तर] लेखक-आचार्य महाराज श्रीमद् विजयलावण्यसूरिजी HERE (गतांकथी चालु ) साधु आहारपान कितने वार करे ? आगळ चालतां लेखक जणावे छे के - " मुनिसंघ में सब से अधिक बड़े और ज्ञानधारी होने के कारण ही क्या आचार्य उपाध्याय दो वार आहार करें ? क्या महाव्रतधारियों में भी महत्त्वशाली पुरुष को अनेक वार आहार करने सरीखी सदोष छूट है ?" आ लखाणमांथी नीचीने बाबतो तरी आवे छे. १. आचार्य तथा उपाध्याय बे वार आहार लई शके छे तेमां शु तेओ पदवीमां मोटा छे अने ज्ञानादिक गुणथी अधिक छे ते कारण ! २. बे वार आहार करवो ते सदोष वस्तु छे । ३. महात्रतधारीमा महत्त्वशाली पुरुषने अनेक वार आहार करवानी छूट शास्त्र आपी शके ! अर्थात्-आपे छे ते अनुचित छे । प्रथमना जवाबमां जणाववानुं जे-बे वार आहारने उचित व्यक्तिओनां नामो जे कल्पसूत्रना पाठने अवलम्बीने लेखक जगावे छे तेमां नीचे प्रमाणे नामो छे--- १ आचार्य, २ उपाध्याय, ३ तपस्वी, ४ ग्लान, ५ वेयावच्चकरनार, ६ क्षुल्लक, अने ७ क्षुल्लिका, छतां पण बोजां नामोने अन्धारामा राखीने आचार्य तथा उपाध्यायनां ज नाम आपी आ बे मोटा अने ज्ञानधारी छे माटे बे वार खावानी छुट अपाणी हशे ? आवी हास्य क्रीडाी लेखके पोतानी मनोभावनाने खरखर प्रदर्शित करी । बे वार आहारमा कांई आचार्य अने उपाध्यायनां ज नाम नथी आपेलां, के जेने अंगे लेखकने लखवानो प्रसंग रहे । श्वेताम्बर दर्शनमा तथा दिगम्बर मतमां जे कारणे एक वार आहारनी छूट मनाय छे, ते कारण ज्यां एक वार आहारथी न सचवाई शकतुं होय त्यां ते कारणने अनुलक्षीने अनेक आहार छे। आ अनुगमने लेखके जो ध्यानमा राखेल होत तो आ लखवानी जरूरत रहेत नहि, अस्तु । धर्मना साधनभूत शरीरथी अग्लान भावे ते ते धर्म साधी शकाय तेटला माटे एक वार अथवा अनेक वार आहार छे । For Private And Personal Use Only

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