Book Title: Jain Satyaprakash 1937 05 SrNo 22
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सर्वमान्य धर्म परम पूज्य आचार्य महाराज श्रीमत् सागरानंदसूरीश्वरजी महाराज का सर्वधर्म परिषद् में भेजा हुआ वक्तव्य । ध्यायामि ज्योतिरहन गतनिधनमलं ज्ञानसच्छमयुक्तं, मायामुक्तं प्रकृत्याभिरहितमनघं कर्मदोषैविहीनम् । शास्त्रोद्यं सर्वधर्मप्रचयमनुगतं विश्वजन्तूद्धरं यत्, भव्यानां मोक्षमागेप्रणयनरुचिरं शक्रन्दोपसेव्यम् ॥ १॥ सजन गण ! आप लोगों ने अखिल धर्म का रहस्य श्रवण करने की प्रणालिका का जो आरम्भ किया है वह आर्य देशकी प्रजा के लिए बड़ा ही सौभाग्य सूचक है। जो कुछ मैं इस विषय में कहूंगा वह सर्व धर्म की अनुकूलता का ख्याल करके कहुंगा। इससे इस निबंध में जैनधर्म का पारिभाषिक और रूढ पदार्थों का समावेश न हो उसकी त्रुटी नहीं गिनेंगे। सर्व धर्म का ध्येय-आर्य प्रजा में धर्म के विषय में यद्यपि सेंकडों मतमतांतर हैं, लेकिन हरेक धर्म का रास्ता अलग अलग होने पर भी सर्व धर्म का परम ध्येय अपवर्ग की प्राप्ति ही है। इस वजह से ही यावत् धर्मशास्त्रकारों ने यतोऽभ्युदयनिःश्रेयससिद्धिः याने जिससे स्वर्गादि सुख और मोक्ष हो उसको धर्म माना है । अभ्युदय धर्म का अनन्तर फल है और निःश्रेयश याने मोक्ष की प्राप्ति होना यह सर्व धर्म के हिसाब से परम्पर फल है। अनाज के वपन में जैसे तृणादि की प्राप्ति अनन्तर फल है; लेकिन धान्य की प्राप्ति ही परम्पर फल है इसी सबब से मोक्ष ही धर्म का प्रकृष्ट फल हैं । यह बात सर्व आस्तिक ने मंजूर को हुई है । यद्यपि निःश्रेयस याने मोक्ष मुख्य और ध्येय फल है, लेकिन धर्म से अभ्युदय की प्राप्ति ही पेहतर होती है । इसीसे निःश्रेयस शब्द पेस्तर नहि धरके अभ्युदय पद धरा गया है। मोक्ष का रास्ता-सर्व आस्तिक धर्मशास्त्रकारों ने मोक्ष को ही धर्म का परम फल माना है, तो धर्म एक ऐसी ही वस्तु होनी चाहिए कि जो फौरन या देर से भी मोक्ष को प्राप्त करानेवाली हो । याने धर्म का आचरण करनेवाले को उसी जन्म में मोक्ष की प्राप्ति करादे या भवांतर में ही मोक्ष की प्राप्ति करादे ऐसा ही धर्म मोक्ष का साधन बन सकता है। यद्यपि मोक्ष के स्वरूप में मतमतांतरों की संख्या कम नहीं है तथापि सच्चा मोक्ष का रास्ता मिलजानेपर सच्चा मोक्ष आपोआप ही मिल जाता है। इसी For Private And Personal Use Only

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