Book Title: Jain Satyaprakash 1936 03 SrNo 09
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . +ma.TEENSEMUNA---etaINS +++rthrit111111 UELOPINITELEADRIDEO titutttta Brown-MR.RD HTTELULL PAIMN se. DITH+ SO समीक्षाभ्रमाविष्करण पEHRSITE [ याने दिगम्बरमतानुयायी अजितकुमार शास्त्रीए " श्वेताम्बरमतसमीक्षा "मां आळेखेल प्रश्ननो प्रत्युत्तर लेखक- उपाध्याय श्रीमद् लावण्यविजयजी महाराज maavarAEHENRNarsenam.NENDINNERUMeautasasur.deasi.mureususcadosanaasaruaaTeeranaanaana 111111111111TTT T E N DE..................... ............... ................... ......... ...+++ ++ ++++++++++++++++++++ ++ hattishthithib h arat. hot.L t L IT (गताकथी चाल) क्या साधु चर्मका उपयोग भी करे ? कदाच जीवोत्पत्ति छे माटे अपवित्र पण भविष्यकालमा जोवोत्पत्ति छे भाटे ते पण छ एम जो कहेता हो तो शुं भूत अपवित्र थइ जशे । फालमां जीवोत्पत्ति हती ? वर्तमान कालमा लोकव्यवहारनी अपेक्षाए. चर्म अपवित्र छ ? अथवा भविष्य कालमा थवानी छ ? छे एम कहेता हो तो लोको चर्मन पोताना भूत कालमां जीवोत्पत्ति हतो एम जो काममां केम वापरे छे ! जुओ-धर्मस्थानकहेता हो तो शाक विगैरेमा पण भूत मां चर्मनां नगारां, नरघां विगेर राखवां, कालमा जीवोत्पत्ति हती माटे ते पण पगमा चर्मना जोडा पहेरवा, चामडानी पट्टीवाळी अपवित्र थइ जशे। भूत कालमा जेमा टोपीओ गखवी, परवालनां पाणी, कोसनां समर्छन जोवोनी उत्पत्ति होय ते अपवित्र पाणी, तथा बोखना पाणी वापरवां, तथा कहेवाय छे एम जो कहेता हो तो घी विगेरे बलदनां जोतर, तरवारनां म्यानो, चोपडानां अपवित्र थइ जशे कारण के माखण अवस्था- पुठां, चोपडीओनी पट्टीओ चामडाना पडदा मां संमूर्छन जीवनी उत्पत्ति हनी। वर्तमान वाळा चसमा, ढाल, घोडा उपर नाखबानी कालमा जीवोनी उत्पत्ति छे माटे अपवित्र छे चामडानी दळी विगैर सेंकडो वस्तुओ लोको एम कहेता हो तो ते पण युक्त नथी, कारण पोताना काममां वापरे छ । के प्रस्तुत चर्ममा वर्तमान कालमां जीवोत्पत्ति कदाच एम कहो के पश्चेन्द्रियन अङ्ग नथी ए वात प्रथम अनेक वार लस्वी आन्या होवाथी अपवित्र छे तो तेना जवाबमा छोए । भविष्य कालमा जीवोत्पत्ति छे माटे जणाववानुं जे मोरपिच्छी, हाथीदांत, चमरीअपवित्र छ एम जो कहेता हो तो अनाजमां गायना वाळ® चामर, शाबरशङ्ग, सापनो For Private And Personal Use Only

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