Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana Author(s): Deviprasad Mishra Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad View full book textPage 8
________________ पुराणों के आधार पर तत्कालीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का सजीव चित्र सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक अपने विषय की एक प्रामाणिक, संतुलित एवं गम्भीर रचना है । पुस्तक के अन्त में अनेक चित्रफलकों द्वारा विषय के अनुरूप विविध रेखांकन समाहित कर दिये गये हैं, जो उपयुक्त तथा प्रामाणिक आधार पर बने हैं। सांस्कृतिक दृष्टि से उनका ज्ञान उपादेय होगा। इसमें संदर्भ ग्रंथ और शब्दानुक्रमणिका भी दे दी गयी है। हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जैन-विद्या के विद्वानों, अनुरागियों तथा शोधार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी और गंभीर अध्ययन की प्रेरणा प्रदान करेगी। इलाहाबाद २५-१२-१६८७ जगदीश गुप्त सचिव तथा कोषाध्यक्ष - -- 0 - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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