Book Title: Jain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 03 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 5
________________ जैनपरम्परा और यापनीयसंघ (जैन संघों के इतिहास, साहित्य, सिद्धान्त और आचार की गवेषणा ) Jain Education International तृतीय खण्ड भगवती-आराधना आदि सोलह ग्रन्थों की कर्तृपरम्परा प्रो० (डॉ०) रतनचन्द्र जैन पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष : संस्कृतविभाग शा० हमीदिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल, म.प्र. पूर्व रीडर : प्राकृत तुलनात्मक भाषा एवं संस्कृति विभाग बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, म.प्र. सर्वोदय जैन विद्यापीठ, आगरा, उ० प्र० For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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