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रंगीन चित्र
35 पारा
33 चंद्रमती यशोधर को बलि के लिए आटे से बना हुआ मुर्गा दिखा रही है, जसहरचरिउ के एक पत्र पर, लगभग
1440-50 ई०, कदाचित् ग्वालियर, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) मुनि सुदत्त के दर्शन करते ही अभयमति और अभयरुचि अचेत हो गये, जसहरचरिउ के एक पत्र पर, लगभग 1454 ई०, कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) परिचारकों-सहित शांतिनाथ, शांतिनाथ-चरिउ के पत्र पर, लगभग 1420-60 ई०, (लेख में देखिए जहाँ
इसके बाद के समय पर विचार किया गया है) कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 36 क विद्याधर अतिबल, आदिपुराण (वर्ग-1) के एक पत्र पर, लगभग 1450 ई०, (लेख में देखिए जहाँ इसके
बाद के समय पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 36 ख श्रेणिक द्वारा समवसरण की महिमा का वर्णन, आदिपुराण (वर्ग-1) के एक पत्र पर, लगभग 1450 ई०,
(लेख में देखिए जहाँ इसके बाद के समय पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय
शैली (निजी संग्रह) 36 ग श्रीमति और बज्रजंघ के विवाह का उत्सव मनाती संगीत-मण्डली, आदिपुराण (वर्ग-2) के एक पत्र पर,
लगभग 1475 ई० (लेख में देखिए जहाँ इसके बाद के समय पर विचार किया गया है), कदाचित्
दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 36 घ नर्तक, आदिपुराण (वर्ग-2) के एक पत्र पर, लगभग 1475 ई. (लेख में देखिए जहाँ इसके बाद के समय
पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 37 राजा यशोधर अपने परिचारकों के साथ, यशोधर-चरित के एक पत्र पर, लगभग 1596 ई०, कदाचित्
उत्तर गुजरात, पश्चिम भारतीय शैली (निजी संग्रह)
रेखा-चित्र
अध्याय 32
26
गुजरात : काष्ठ-शिल्प, नारी संगीतकार (रा स, रेखांकन मोहन लाल द्वारा) गुजरात : काष्ठ-शिल्प, पायल बाँधती नृत्यांगना (रा सं, रेखांकन मोहन लाल द्वारा)
अध्याय 36
वास्तुपुरुष-चक्र (भगवान दास जैन के अनुसार) कूर्म-शिला (भगवान दास जैन के अनुसार) सम-दल प्रासाद (भगवान दास जैन के अनुसार) मंदिर की रूपरेखा (भगवान दास जैन के अनुसार) पीठ (भगवान दास जैन के अनुसार) पांच स्तरों (घरों) सहित पीठ (भगवान दास जैन के अनुसार) मण्डोवर के प्रकार (भगवान दास जैन के अनुसार) रेखा-मंदिर का शिखर (भगवान दास जैन के अनुसार) आमलसार (भगवान दास जैन के अनुसार)
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