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चित्र-सूची
रंगीन चित्र
अध्याय 31
22 जिनरक्षित के साथ जिनदत्त-सूरि, चित्रांकित पटली का एक भाग, 1122-54 ई० पश्चिम भारतीय या
गुजराती शैली (जैसलमेर भण्डार) 23 क पटली के एक भाग का चित्र. 1122-54 ई० (लेख में देखिए जहाँ इससे भी पूर्व के समय पर विचार
किया गया है), पश्चिम भारतीय या गुजराती शैली (जैसलमेर भण्डार) 23 ख और ग उपर्युक्त पटली (23 क) के पृष्ठ-भाग पर मण्डल कों, पक्षियों और पशुओं का चित्रांकन 23 ध उपर्युक्त (23 ख और ग के अनुसार) 24 देवसूरि-कुमुदचंद्र-शास्त्रार्थ की पटली पर चित्रांकन का एक भाग, लगभग 1125 ई०, पश्चिम भारतीय या
गुजराती शैली (निजी संग्रह में) 25 क कालक और शिष्य, ख. गर्दभिल्ल की सेना का प्रयाण, ग. कालक और साहि प्रधान, घ. गर्दभिल्ल की
गिरफ्तारी, कालकाचार्य की कथा के पत्र, पश्चिम भारतीय या गुजराती शैली (पी० सी० जैन, बंबई
के संग्रह में) 26 गर्द भी-विद्या, कल्पसूत्र-कालकाचार्य-कथा के एक पत्र पर, 1452 ई०, पश्चिम भारतीय या गुजराती शैली
(राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली) 27 महावीर का वैराग्य, कल्पसूत्र के एक पत्र पर, 1417 ई०, पश्चिम भारतीय या गुजराती शैली (राष्ट्रीय संग्र
हालय, नई दिल्ली) 28 क बाहुबली का तपश्चरण, देवसानो भण्डार कल्पसूत्र-कालकाचार्य-कथा के एक पत्र (अग्रभाग) पर, लगभग
1475 ई० (लेख में देखिए जहाँ इससे बाद के समय पर विचार किया गया है), पश्चिम भारतीय
या गुजराती शैली (राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली) 28 ख किनारों की सज्जा, उपर्युक्त पाण्डुलिपि (28 क) के एक पत्र (पृष्ठभाग) पर 28 ग गर्दभिल्ल और कालक, कालकाचार्य-कथा का एक पशु-पक्षियों के चित्रों से अंकित पत्र, कदाचित् देवसानो
पाडो भण्डार की पाण्डुलिपि, लगभग 1475 ई० (लेख में देखिए जहाँ इसके बाद के समय पर विचार
किया गया है), पश्चिम भारतीय या गुजराती शैली (राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली) 29 इंद्र और इंद्राणी द्वारा मरुदेवी को बधाई, महापुराण के एक पत्र पर, लगभग 1420 ई० (लेख में देखिए
जहाँ इससे बाद के समय पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली में, उत्तर भारतीय शैली
(दिगंबर जैन मंदिर, पुरानी दिल्ली का संग्रह) 30 क पशु साही ने सर्प को मारा और बदले में उसपर अन्य पशु ने भाक्रमण किया, यशोधर-चरित के एक पत्र पर
1494 ई०, गुजरात, कदाचित् सोजित (निजी संग्रह) 30 ख राजा मारिदत्त द्वारा देवी को बलि का उपक्रम, उपर्युक्त पाण्डुलिपि के एक लेख पर (30 क) 31 भविसयत्त की समुद्र-पार की यात्रा, भविसयत्त-कहा के एक पत्र पर, लगभग 1430 ई० (लेख में देखिए जहाँ
इससे बाद के समय पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 32 परिचारकों के साथ पार्श्वनाथ, पासणाहचरिउ के एक पत्र पर, 1442 ई०, ग्वालियर में चित्रांकित, उत्तर
भारतीय शैली (निजी संग्रह )
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