Book Title: Jain Jyotirloka
Author(s): Motichand Jain Saraf, Ravindra Jain
Publisher: Jain Trilok Shodh Sansthan Delhi

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Page 9
________________ सबसे ऊपर अर्थात् ३५,२.०, ०.०० मील ऊंचे चन्द्रमा के विमानः . हैं जबकि अमेरिका द्वारा छोड़ा गया राकेट अपोलो-११ तो मात्र.. २ लाख ८०,००० मील ही गया है तथा चन्द्र विमानों के गमन की गति इतनी तेज (१ मिनट में ४,२२,७७७६३१ मील) है कि उम पर पहुंच पाना ही हम लोगों के लिए अति दुर्लभ है। इम नरह इन मवको देखते हुए तो ऐसा अनुमान होता है कि वे लोग विजयाध पर्वत को श्रेणियों पर तो कह नहीं उतरे हैं पौर वहीं से मिट्टी लाये हैं। ___चन्द्रमा का विमान ३६७२ मील का है। वहाँ पर देवों के ही प्रावास हैं। वहाँ की मर्वत्र रचना रत्नमयी है। वहाँ पर मिट्टी, कंकड़, पत्थर का क्या काम है। टेलीविजन पर चन्द्रमा पूर्णिमा या अमावस्या के दिन मध्याह्न काल में यदि देख कर बता सके तो माना जा सकता है कि चन्द्रमा पर पहुंचे, नहीं तो सब वात निरर्थक व भ्रमोत्पादक हैं। अमेरिकन समाचारों के अनुसार द्वितीय आषाढ़ के शुक्लपक्ष की सप्तमी को (भारतीय समयानुसार) रात्रि के १-३० पर चन्द्र धरातल पर उतरे। इसका मतलब यह हुआ कि उस समय चन्द्रमा राहु के ध्वजदण्ड से ८ कला आच्छादित था तथा तुला राशि में प्रविष्ट था एवं चित्रानक्षत्र था । अर्थात् चन्द्र उस समय अस्त हो चुका था । यदि चन्द्रमा अस्त होने पर भी टेली- । विजन पर देख सकें तो बतलाएँ । हम यह निश्चय पूर्वक कहते हैं कि मस्त हुमा चन्द्र कभी दिखाई नहीं देगा। इसके विपरीत वैज्ञानिकों ने तो राकेट को चन्द्रमा पर उतरते हुए देखा । परन्तु

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