Book Title: Jain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 10
________________ हार्दिक अनुमोदन सज्जनमणि प.पू. शशिप्रभा श्रीजी म.सा., पू. दिव्य दर्शना श्रीजी म.सा., पू. सौम्यगुणा श्रीजी म.सा., पू. संयम प्रज्ञा श्रीजी म.सा., पू. स्थित प्रज्ञा श्रीजी म.सा., पू. सवैग प्रज्ञा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 6 के सन् 2013 , अरिहंत भवन, भवानीपुर-१ कोलकाता के ऐतिहासिक चातुर्मास की अनुमोदनार्थ श्रावक रत्न पिता श्री मणिचंदजी-मातु श्री लीली जी सुपुत्र राजकुमार-अमिता अरविन्द-संयोगिता सुपौत्र अभिषेक, वेदान्त सुखानी परिवार कोलकाता

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