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( २६ ) ६-रात्रि भोजन त्यान प्रतिमा। मन, वचन, काय, और कृत (स्वयं करना) कारित (दूसरे से कराना ) अनुमोदना (किसी के किये हुये को अच्छा समझना) से सब प्रकार के भोजन पान का त्याग कर देना रात्रि भोजन त्याग प्रतिमा है।
इस प्रतिमा से पहले रात्रि भोजन का त्याग केवल कृत और लघु रूप से होता है।
७-ब्रह्मचर्य प्रतिमा। अपनी विवाहित स्त्री से भी विषय कर्म छोड़कर पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत धारण करना ब्रह्मचर्य प्रतिमा है।
-प्रारम्भ त्याग प्रतिमा। चूल्हा, चक्को. उखली बुहारी, परीडा (पानी रखने का स्थान) इन पाँचों चीजों से छोटे छोटे जीव जन्तुओं की हिंसा होती है सो इन कार्यों को छोड़ देना एवं व्यापार वाले आरम्भ का भी छोड़ देना प्रारम्भ त्याग प्रतिमा है। इस प्रतिमा से पहले के श्रावक अपने हाथ से रोटी रसोई बना सकते हैं। इस प्रतिमा तथा इससे आगे वाले नहीं बना सकते। दूसरे के हाथ से बना हुआ भोजन करते हैं।
-परिग्रह त्याग प्रतिमा। पहनने के कुछ एक कपड़े और कमण्डलु अपने पास रखकर शेष रुपये, पैसे, धन, आभूषण, मकान, जमीन आदि सब पदार्थों