Book Title: Jain Dharm Parichaya
Author(s): Ajit Kumar
Publisher: Bharatiya Digambar Jain Shastrartha Sangh Chhavani

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Page 45
________________ ( ३६ ) जिस प्रकार मनुष्यों का कद घट गया है उसी प्रकार आयु भी कम हो गई है। आज कल भारतवर्ष में औसत उम्र २६ वर्ष है और अमेरिका आदि में ४१, ४२ वर्ष की रह गई है। ६०-७० वर्ष तक बहुत कम मनुष्य जीवित रहते हैं। शरीर शक्ति बहुत क्षीण होगई है । यहाँ तक कि प्रायः अपना खाया हुआ भोजन भी नहीं पचा पाते हैं । ३०, ३५ वर्ष की उम्र के पीछे बल्कि इससे भी पहले बूढ़े सरीखे हो जाते हैं। दिमागी निर्बलता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। विचार शक्ति घटती जा रही है। भौतिकज्ञान कुछ अधिक दीख रहा है किन्तु यदि बुद्धिबल पर दृष्टि डाली जाय तो वह पहले से बहुत कम हो गया है। आगे की सन्तान में ये कमजोरियां और भी अधिक बढ़ रहीं हैं। अधर्म, अन्याय, अत्याचार कैसे बढ़ रहे हैं इसके कहने की आवश्यकता नहीं । इत्यादि । इसी प्रकार जिस ममय उत्सर्पण काल का युग आवेगा तब दिनों दिन उन्नति होना शुरू होगी। इस प्रकार जैनधर्म का विषय संक्षेप रूप से लिख कर पाठकों के सामने रक्खा गया है आशा है पाठक महाशय इसको प्रेम से पढ़ कर हमारा श्रम सफल करेंगे। ॥ इति शम॥

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