Book Title: Jain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Author(s): Pramuditashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 548
________________ 542 जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व 15. उत्तराध्ययनसूत्र 16. | उत्तराध्ययननियुक्ति | स. आचार्य महाप्रज्ञ स. शान्तिसूरि 1927 17. | उपासकदशांगसूत्र स. आचार्य मधुकरमुनि 18. | उपासकदशांगसूत्र 19. | ओघनियुक्ति सं. आचार्य महाप्रज्ञ | सं. विजयजिनेन्द्र सूरि 20. | औपपातिकसूत्र सं. युवाचार्य श्री मिश्रीमल जैन विश्वभारती, लाडनूं, (राज.) | 2000 देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार श्री आगम प्रकाशन समिति, 1984 ब्यावर जैन विश्वभारती, लाडनूं, (राज.) | 2000 श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, | 1989 लाखाबाखल, शांतिपुरी श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, | 1989 लाखाबाखल, शांतिपुरी आनन्दसागरजी, सैलाना 1976 जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) । वि.सं. 2033 जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) | 1964 श्री आगन प्रकाशन समिति, ब्यावर हैदराबाद सिकन्दराबाद जैन 2446 21. | कल्पसूत्र 22. | ठाणं सं. आनन्दसागरजी मुनि नथमल (महाप्रज्ञ) 23. | दसवेआलियं सं. आचार्य महाप्रज्ञ 24. | नन्दीसूत्र सं. आचार्य मधुकरमुनि 1984 25. | निशीथसूत्र व्याख्या, अमोलक ऋषि . संघ 26. | प्रश्नव्याकरण सं. आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभा 27. | प्रज्ञापनासूत्र सं. आ. मधुकरमुनि 28. | भगवतीसूत्र स. युवाचार्य श्री मधुकरमुनि श्री आगम प्रकाशन समिति, | 1993 व्यावर (राज.) श्री आगम प्रकाशन समिति, व्यावर (राज.) जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) | 1994 29. स. आचार्य महाप्रज्ञ | भगवई (विआहपण्णत्ति) सूत्रकृतांगसूत्र सं. आचार्य मधुकर मुनि 1991 31. | समवायांगसूत्र सं. आचार्य मधुकर मुनि श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) | 1991 ज्ञाताधर्मकथांग सं. आचार्य मधुकर मुनि 1981 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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