Book Title: Jain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Author(s): Pramuditashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 547
________________ जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व 541 सन्दर्भ-ग्रंथ-सूची जैन आगमों की सूची क्र | ग्रन्थ का नाम संपादक/अनुवादक प्रकाशक सन | अनुयोगद्वारसूत्र | संपा. मधुकरमुनिजी श्री आगम प्रकाशन समिति, | 1984 ब्यावर अन्तकृत्दशांगसूत्र | संपा.युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) वि.स. 2031 आचारांगसूत्र संपा. आत्मारामजीमुनि समदर्शी | जैनागम प्रकाशन समिति, जैन | 1963 (भाग-1,2) स्थानक, लुधियाना | आचारागसूत्र वा.प्र./आचार्य तुलसी जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) | 2000 सं./आचार्य महाप्रज्ञ 5. | आचारांगसूत्र भाग-1 | संपा. नेमीचंद बांठिया श्री अखिल भारतीय सुधर्म, जैन | 2006 पारसमल चण्डालिया संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर, ब्यावर (राज.) 6. | आचारांगनियुक्ति । सं. शीलांककृत आगमोदय समिति, सूरत वि.सं. 1973 आवश्यकसूत्र सं. जिनेन्द्रगणी हर्षपुष्यामृत जैन ग्रन्थमाला, 1975 लाखाबाखल, शान्तिपुरी (सौराष्ट्र) आवश्यकसूत्र सं. युवाचार्य श्री मिश्रीमल आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) 9. | आवश्यकनियुक्ति अ | सं. भद्रबाहुकृत नियुक्ति की | आगमोदय समिति, बम्बई 1928 मलयगिरि टीका 10. | अमिधान राजेन्द्रकोष ।। कोश-संकलन श्रीमद्र श्री अभिधानराजेन्द्रकोश 1986 (भाग 1-7) राजेन्द्रसूरिजी म.सा. प्रकाशन संस्था, अहमदाबाद | आगम शब्दकोष आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ | जैन विश्वभारती, लाडनूं 1980 | जैन आगम : वनस्पति | आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.) | 1996 कोश 11. | 13. इसिभासियाई सुत्ताइं | सं. महोपाध्याय विनयसागर 14. . उत्तराध्ययनसूत्र | सं. आ. मधुकरमुनि प्राकृतभारती अकादमी, जयपुर | 1988 श्री आगम प्रकाशन समिति, | 1984 ब्यावर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org


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