Book Title: Jain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Author(s): Pramuditashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 553
________________ जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व 547 श्रमाश्रमण बिहार श्री जिनसेनाचार्य | महापुराण जयप्रकाश नाथ एंड कंपनी, | 1973 मेरठ | डॉ. जे.एन. सिन्हा नीतिशास्त्र जयप्रकाश नाथ एंड कंपनी, मेरठ 20 मुनि तरूणसागर दुःख से मुक्ति कैसे मिले ? अहिंसा महाकुंभ प्रकाशन, | 2010 196, सेक्टर-18, फरीदाबाद (हरियाणा) 21 | | देवेन्द्रसूरिकृत, स.प । कर्मग्रन्थ (1-5) श्री मरूधर केसरी साहित्य | 1976 मुनि श्री मिश्रीमलजी प्रकाशन समिति, जोधपुर, ब्यावर 22 | आ. देवेन्द्रमुनि कर्मविज्ञान (1-9) श्री तारक गुरू जैन | 1993 ग्रंथालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर 23 | आ. देवेन्द्रमुनि धर्म, दर्शन, मनन और मूल्यांकन श्री तारक गुरू जैन 1983 ग्रंथालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर 24 | आ. देवेन्द्रमुनि अणु से पूर्ण की यात्रा श्री तारक गुरू जैन 1995 ग्रंथालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर 25 | आ. देवेन्द्रमुनि व्यसन छोड़ो, जीवन मोड़ो | श्री तारक गुरू जैन | 1996 ग्रंथालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर 26 आ. देवेन्द्रमुनि | भगवान् महावीर एक अनुशीलन | श्री तारक गुरू जैन 1974 शास्त्र ग्रंथालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर 27 दुलीचन्द जैन जिनवाणी के मोती पार्श्वनाथ विद्यापीठ, | 2000 वाराणसी 28 | श्री धर्मदासगणी उपदेशमाला जैन आत्मानंद सभा खारगेट, | वि.स. भावनगर, सौरा. 2041 29 | नीरज जैन मानवता की धुरी . प्राच्य श्रमण भारती, 2006 मुजफ्फरनगर 30 महर्षि पतंजलि, | पातंजल योगसूत्र (अभिनव प्राकृत भारती अकादमी, 2009 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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