________________
::
अन्य दार्शनिक नव्य-न्याय-युग सम्पादन एवं अनुसंधान-युग ४--जैन-दर्शन में तत्त्व
जैन दृष्टि से लोक सत् का स्वरूप द्रव्य और पर्याय भेदाभेदवाद द्रव्य का वर्गीकरण यात्मा का स्वतन्त्र अस्तित्व प्रात्मा का स्वरूप ज्ञानोपयोग दर्शनोपयोग संसारी प्रात्मा पुद्गल
पृष्ठ संख्या ... .११२ ... ११४
... ११६ १२३-२०२
... १२६ ..... १२६ ..... १३३ .... १३६
१४६
::::::::::::::
१५१ १५८
६५
प्रणु
स्कन्ध
पुद्गल का काय मन्द बन्ध मौषम्य स्थौल्प संस्थान
:::
१८६
० ० ० ० ० mn 1 Wm
१६०
भेद
::::::
१६० १९१ १२१
धाता उद्योत
.० ०