Book Title: Jain Darshan Author(s): Mohanlal Mehta Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra View full book textPage 405
________________ दो हजार वर्षों के बाद प्रथम बार उपाध्याय श्री अमर मुनि जी तथा पं० श्री कमल मुनि जी . के द्वारा सुसम्पादित होकर प्रकाशित निशीथ महाभाष्य चार भागों में राज संस्करण मूल्य मात्र सौ रुपयेPage Navigation
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