Book Title: Jagad Guru Hir Nibandh
Author(s): Bhavyanandvijay
Publisher: Hit Satka Gyan Mandir

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Page 120
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०६ थानसिंह श्रोसवाल को, बोले अकबर शाह । बुलावो गुरु हीर को, सुधरे जीवन राह ॥२॥ थानसिंह कहे जहाँपनाह, दूर ही है गुरुराज। अकबर कहे पर भी उन्हें बुलावो मय साज ।। ३ ।। ( ढाल ४) (तर्ज-शहीदों के खू का असर देख लेना) हीरसूरि को बुलाना पड़ेगा, हम को भी दर्शन दिलाना पड़ेगा। धन गुर्जर है ऐसे गुरु से, वहां से गुरु को बुलाना पड़ेगा। हीर ।। १ ।। राजा राणी दर्शन पावे, उनका ही दर्शन दिलाना पड़ेगा। हीर ॥२॥ नाम जापसे दुःख विडारे, ऐले फकीर को यहां लाना पड़ेगा ॥ हीर ॥ ३ ॥ वहीं से सहारा देवे चम्पा को, उस ओलिया से मिलाना पड़ेगा। हीर ॥ ४ ॥ घर दुनिया को दिल से छोड़े, ___ खुदा का बन्दा बताना पड़ेगा ।। हीर ॥ ५ ॥ सब जीवों की रक्षा चाहे, यही कृपारस पिलाना पड़ेगा ।। हीर ।। ६ ॥ त्यागी ध्यानी पण्डित ज्ञानी, उन्हों का उपदेश सुनाना पड़ेगा। हीर ॥ ७ ॥ सब मजहब से वाकिफ साहिब, उनका भी मजहब सुनाना पड़ेगा ।। हीर ॥ ८ ॥ For Private and Personal Use Only

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