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( २०५ ) सिंह धन राशि विचारे, एणि राशि होये चंद्र जिवारें ॥ शशि मंगल पूरव दिशें ए ॥ १४ ॥ वृष राशि क न्या ने मक्कर, त्या दक्षिण दिशि ते शुनकर ॥ मंगल त्यांहिं मयंकनुं ए ॥ १५ ॥ मिथुन तुला त्रीजी कुंन राशें, पश्चिम दिशें रहे चंद्र श्रावासें ॥ घर साहामुं कनुं चाल ए ॥ १६ ॥ कर्कराशि वृश्चिक ने मीन, इस राशियें होये सुकुलीन ॥ शशिमंगल उत्तर दिशें ए॥ १७ ॥ मावो तथा पूंग्नो चंड, प्रवेशनो न करे श्रानंद ॥ गुण वाधे नर समजतां ए ॥ १८ ॥ शनि शुक्र ने सोमवार, साडा आठ पगलां जरी सार ॥ गमन फले तस प्रति घणुं ए ॥ १५ ॥ श्रादित्यें प गला अगीयार, बुद्धे आठ मंगल नव सार, साडा सात गुरुवासरें ए ॥ २० ॥ चोघडीयानो करे विचार, जो गिनी चक्र जुवे वली सार ॥ जोजन दहिं करी चाल बुं ए ॥ २९ ॥ श्रीदेव गुरु वंदीने चाले, कांइक मा गण जनने ले | दानें दारिद्र कापीयें ए ॥२॥ जोजन करे जोई शुभ ामो, प्रथम करे वली पुण्य नां कामो ॥ जोजन करे नर देई करी ए ॥ २३ ॥ याचक जन दोहिलांने आापे, नलो आहार शुन स्थान थापे ॥ मुक्तिपंथ नर ते लहे ए ॥ २४ ॥
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