Book Title: Gyanpanchami
Author(s): Manek Bahen
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 9
________________ ( ७ ) उपर कथा. व्यंजनने अधिक अर्थने अन्यथा करवा उपर दृष्टांत. ४. ज्ञानाष्टक - अर्थ युक्त. ( श्री यशोविजयजी कृत ) ५ ज्ञानाष्टक - अर्थ युक्त. ( श्री हरिभद्र सूरिकृत ) ६ श्री पंच ज्ञाननी पूजा. ( श्री रूपविजयजी कृत ) ७ श्रीविजयलक्ष्मी सूरिकृत वीशस्थानकनी पूजामांथी पूजा ३. १४५ ८ श्री आत्मारामजी महाराजकृत वीशस्थानकंनी पूजामांथी १३२ पूजा १०-१४८ ९ श्री यशोविजयजीकृत नवपदनी पूजामांथी ज्ञानपदनी पूजा. १५१ १० श्री पद्मविजयजी कृत १५२ ११ श्री आत्मारामजी कृत १२ पं. श्री गंभीरविजयजी कृत 99 १३ श्री वीरविजयजी कृत पीस्ताळीश आगमनी प्रज्ञापांथी पूजा ७ मीनुं गीत. १४ श्री ज्ञान पंचमीनुं चैत्यवंदन. १५ श्री ज्ञान पंचमीनुं स्तवन. 59 १६ श्री पंचमीनी स्तुति. १७ श्री ज्ञान पंचमीनुं लघु स्तवन. १८ श्री ज्ञान पंचमीनी संस्कृत स्तुति अर्थ सहित १९ श्री देवविजयजी कृत पांचमनी सझाय. २० श्री ज्ञान पंचमीनुं स्तवन ( समयसुंदरजी कृत) २१ श्री विजयलक्ष्मी सूरि कृत पांचपनी सझाय " १०७ ११४ १२१ १२४ "" १५४ १५५ ११७ १५८ १५९ १६८ १६८ १६९ १७३ १७ १८०

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