Book Title: Gautam Pruchha
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Sarupchand Hukmaji Seth

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निन्दनीय कम्मों का प्राचरण करते हैं, देव गुरु और धर्मकी अवहीलनों (निन्दा) करते हैं वे अल्पायुबांधते हैं अर्थात् कमायु वाले होते हैं। ६ प्रश्न-हे कृपानिधे ! किस कर्म से जीव दीर्घायु होते हैं ? उत्तर-गतम! जोजीवोंकी हिंसानहीं करते ट्या परिणाम र वते हैं, दानादि देकर लोगों को हर्षित करते हैं और देवगुरु धर्म की प्रशंसा करते हैं वे जीव दीर्घायु होते हैं। __१० प्रश्न-हे स्वयंबुद्ध ! किस कर्म से जीव भोग रहित होते हैं ? उत्तर--मौतम ! जो अपनी आत्मा से किसी को दान नहीं देते हैं और क्लेश से किसी को देने में आ गया हो तो पीछा लेने For Private and Personal Use Only

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