Book Title: Gautam Pruchha
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Sarupchand Hukmaji Seth

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Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १७ ) करते हैं दूसरों के दोष निकालते हैं वे मरकर बहिरे होते हैं। २८ प्रश्न-हे वीर ! किस कर्म से जीव जन्मान्ध होते हैं ? उत्तर-गौतम ! जो बिना देखे कहते हैं कि हमने देखा है जो धर्म रहित होते हैं जो दूसरों के नेत्रों को बाधा पहुंचाते हैं वे मरकर जन्मान्ध होतेहैं। और वीरम पुत्र की तरह दुःवपातेहैं। ___ २६ प्रश्न हे धर्म चक्रधर । किस कर्म से आहार नहीं पचता है ? उत्तर--गौतम ! जो झूठा और फेंकने योग्य भात पानी साधुओं को बहिराते हैं उनके अपचा रोग होता है अर्थात् खाया हुमा हजम नहीं होता। For Private and Personal Use Only

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