________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भावार्य-गौतमस्वामी ने जो २ प्रश्न लोक हितार्थ पूछे उनके उत्तर जिनवर भगवान श्री महावीर स्वामीने शुभाशुभ फलपूर्वक प्रगट कहे। इसलिये हे महानुभावो ! धर्म और अधर्मका फल इस प्रकार जानकर धर्म मार्गमें प्रवृत्त हो जिससे कि मनुष्य जन्म सफल हो और अजरामर पदकी प्राप्ती हो। ॐ शान्ति ! शान्ति !! शान्ति !!!
॥अथ सिद्धपद स्तवनं ॥ भी गौतम पृच्छा करे, विनय करी शीश नमाय प्रभु जी। अविचल स्थानक में पुण्यं कृपा करी मोय बताय प्रभु जी । शिवपुर नगर सोहामणुं ॥॥ए श्रांकणी
आठ कर्म अलगां करी, सारयां आतम काम हो । प्रभु०॥ छुठा संसारमा दुःख थकी, तेणे रहेवानुं किहां ठाम हो । प्रभुजी० ॥शिब० ॥२॥
बीर कहे ऊर्ध्व लोकमां, सिद्ध शिला तणु ठगम हो गौतम । स्वर्ग छम्बीशनी ऊपरे, तेहनाबारे नाम हो । गौत. ॥ शिव० ॥३॥
लाख पैतालीस जोजना, लांबी पहोली जाण हो । गौत.॥ पाठ लोजन जाड़ी विच्चे, छेडे मंख पंख ज्यु आण हो । गौत. शिव०॥
For Private and Personal Use Only