Book Title: Fool aur Parag
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 6
________________ प्रकाशकीय अपने साहित्यप्रेमी पाठकों के कर कमलों में 'फल और पराग' कहानी संग्रह प्रदान करते हुए हमें अत्यधिक प्रसन्नता है। कहानी कला विश्व की एक महान् कला है। चाहे बालक हो, वृद्ध, या युवक वह सभी को प्रिय है धर्म, दर्शन, अध्यात्म और नीति जैसे गंभीर विषय भी कहानियों के द्वारा सरलता से समझाया जा सकता है। उसका प्रभाव चिरस्थायी रहता है। विश्व के सभी महापुरुषों ने कहानी को महत्व दिया है। आगम, उपनिषद और त्रिपिटक आदि में प्रचुर कहानियां प्रयुक्त हुई हैं। प्रस्तुत पुस्तक में देवेन्द्रमुनि जी द्वारा लिखित ऐतिहासिक, सामाजिक व धार्मिक कहानियाँ हैं। प्रत्येक कहानी जीवन को पवित्र, व विचारों को निर्मल बनाने की प्रेरणा देती है। श्री देवेन्द्र मुनि जी शास्त्री, स्थानकवासी जैन समाज के एक चमकते हए साहित्यकार हैं। उन्होंने अनेकों महत्वपूर्ण शोध प्रधान, चिन्तन प्रधान, मौलिक ग्रन्थ लिखे हैं जिसकी चोटी के विद्वानों ने व पत्र पत्रिकाओं ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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