Book Title: Dvipushta Vasudev Charitram Author(s): Vardhamansuri Publisher: Shravak Hiralal Hansraj View full book textPage 2
________________ द्विपृष्ट सान्वय चरित्रं // श्रीजिनाय नमः // (श्रीचारित्रविजयगुरुभ्यो नमः) (सान्वयं गूर्जरभाषांतरसहितं घ) भाषांतर // 1 // // अथ श्रीद्विपृष्टवासुदेव चरित्रं प्रारभ्यते // .* ( मूलकर्ता श्रीवर्धमानसूरिः) अन्वय तथा गुजराती भाषांतर कर्ता-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज-जामनगरवाळा इतश्चारितृणस्तोमे वेगं पवनवद्वहन् / नाम्ना पवनवेगोऽभूद् भूपः पृथ्वोपुरे पुरे // 1 // ___ अन्वयः-इतश्च अरि तृण स्तोमे पवनवत् वेगं वहन् पृथ्वीपुरे पुरे पवनवेगः नान्ना भूपः अभूत् // 1 // अर्थ:-हवे शत्रुओरूपी तृणोनो समूह उडाडी देवामां वायुलीपेठे वेगने धारण करनारो पृथ्वीपुरनामना नगरमां पवनवेगनामे ॐ राजा हतो. // 1 // HALAKAALGARCAALA P.P.AC.Gurramanur M.S. un Gun Aaradhak TrustPage Navigation
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