Book Title: Dravyalankara Author(s): Ramchandra, Gunchandra, Jambuvijay Publisher: L D Indology Ahmedabad View full book textPage 8
________________ ॥ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः ॥ समर्पणम् जनन-पालन-पोषण-संवर्धनादिभिः सम्यग्ज्ञान-दर्शन-चारित्र-संस्कारदानादिभिः अनन्तोपकारिणामनन्तवात्सल्य-कृपारसजलनिधीनां पितृचरणानां श्री सद्गुरुचरणानां परमपूज्यानां मुनिराजश्रीभुवनविजयजीमहाराजानां तथा परमोपकारिण्याः मातृश्रिय साध्वीजीश्री मनोहरश्रिय: करारविन्दयोः ग्रन्थरूपमेतं पुष्पं निधाय कृती भवामि - तत्रभवतां शिशुः जम्बूविजयः श्री आदिनाथ निर्वाण कल्याणक ट्रस्ट देवदर्शनी गेट के पास, पो. बदरीनाथ-२४६४२२ जिल्ला-चमोली, गढवाल, उत्तरांचल राज्य. श्रावण कृष्णपञ्चमी रविवार ता २१-५-२००० Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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