Book Title: Dharmbindu Author(s): Haribhadrasuri, Hirachand Jain Publisher: Hindi Jain Sahitya Pracharak Mandal View full book textPage 4
________________ मंडल' की स्थापना की थी, इस मण्डलने उपर्युक्त हेतुसे यह पुस्तक प्रगट करनेका निश्चय किया। पं. श्री अमृतलाल मोदीने इसका हिंदी भाषांतर किया है भौर पं. अम्बालाल प्रेमचंद शाहने इसे संशोधित करके प्रुफ संशोधन भी किया है । शारदा मुद्रणालय के संचालकोंने इसे बडी चावसे छाप दिया है एतदर्थ उन सबको धन्यवाद दे रहे हैं । अंतमें हिंदी भाषाप्रेमीवर्ग इस अन्थका प्रचार करके हमें ऐसे कार्यमे प्रोत्साहित करते रहें ऐसी आशा रखते हैं और पाठकवर्ग इस ग्रन्थको पढ कर सत्य ज्ञान प्राप्त करके आत्मकल्याणमें प्रवृत्ति करें तो हमारा यह प्रयत्न सफल हुआ समझेंगे । वि सं. २००७ पोप घदि ११ अमदाबाद नागजी भूघर की पोल मंत्री, हिंदी जैन साहित्य प्रचारक मंडल विषयानुक्रम अभ्याय विषय १. गृहस्थ सामान्य धर्म . २ गृहस्थ देशना विधि: १. गृहस्थ विशेष देशना विधि : ४. यति सामान्य देशना विधि · ५. यतिधर्म देशना विधि • ६. यतिधर्म विशेष देशना विधि : ७. धर्मफल देशना विधि • ८. धर्मफल विशेष देशना विधि : 1 पृष्ठ १ ७५ १५८ २६८ २९६ ३५३ ४०१ ४२८Page Navigation
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