Book Title: Dhamil Charitra Bhashantar Part 03
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ धाग्म- मिव मालिकः // 11 // नदायुधस्तदा चौर–सेनाप्रटरनृत्पुरः // किरातवातमातंक-युक्तमुत्साह / सार्थ यन युधे // 7 // अमुं गृह्णीत गृह्णीत / मा मा नश्यत रे नटाः // मयि जीवति को युष्मान / जेष्यतीति पलापिनः // 13 // तस्य वदो महाशक्तिः / शत्यस्त्रेण विभेद सः // द्विरदः स्वरदेने 534 | व / विपदपुरगोपुरं // 14 // युग्मं // सेनान्यां वियुजि प्राणै-पाणैः शरैर्गतं // निन्ने हिम हथियारोथी माली जेम कंपावेली वेलमीमांथी खरेलां पुष्पोथी करंमीन तेम तेणे पोतानो रथ गर्योः // 11 // एवामां जयजीत थयेला ते जिलोना समुहने युष्माटे नत्साहित करतोयको ते चोरोनो सेनापति हथियार जगामीने तेनी सामे थयो, // 15 // अने बोलवा लाग्यो के अरे सुनटो! तमो आने पकडो पकडो? नाशो नहि, मारा जीवतां तमोने कोण जीती शके तेम? / / 73 // एम बोलता ते. चोरोना सेनापतिनी गती हाथी जेम पोताना दांतोयी शत्रना नगरना दखाजाने तेम. ते महाशक्तिवान धम्मिले नालाथी नेदी नाखी. // 14 // एवी रीते ते सेनाप ति ज्यारे प्राणरहित थयो त्यारे निरुत्साही थयेला ते सघला निलो त्यांथी नाशी गया. केमके | ज्यारे मस्तक चेदाइ जाय त्यारे बाकीनी इंद्रियो शुं काम करी शके ? // 15 // पड़ी ते विजयी P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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