Book Title: Devindatthao
Author(s): Subhash Kothari, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan

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Page 181
________________ 108 देविदत्थओ महगहा ( महग्गह ) 1/2 बारस (बारस ) मूलशब्द 1/2 सहस्सा ( सहस्स) 1/2 * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137, वृत्ति) 120. छनउइ ( छन्नउइ ) मलशब्द 1/2 सयसहस्सा ( सयसहस्स) 1/2 चोयालीसं* ( चोयालीस ) 2/1 वि भवे ( भव ) व.3/2 सक सहस्साई (सहस्स) 1/2 चत्तारि (चउ) 1/2 तह (अ) = उसी तरह सयाई ( सय ) 1/2 तारागणकोडिकोडोणं [( तारा )- (गण) - ( कोडिकोडि ) 6/2] * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137, वृत्ति) 121. बावत्तरिं* (बावत्तरि ) 2/1 विच ( अ ) = पादपति चंदा (चंद ) 1/2 बावत्तरिमेव [( बावरिं) + (एव)] बावत्तरि (बावत्तरि ) 2/1 वि एव (अ) = ही दिणयरा (दिणयर ) 1/2 दित्ता ( दित्त) 1/2 पुक्खरवरदोवड्ढे [ ( पुक्खरवर )( दीव ) - ( अड्ढ ) 7/1 ] चरंति ( चर ) व 3/2 सक एए (एअ) 7/1 स पगासिंता ( पगास ) व 1/2 आर्ष प्रयोग ___ कभी-२ प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137, वृत्ति) 122. तिणि (ति) 1/2 सया(सय) 1/2 छत्तोसा (छत्तीस) 1/2 छ (छ) 1/2 च्च ( अ ) = पादपति सहस्सा ( सहस्स ) 1/2. महग्गहाणं ( महग्गह) 6/2 तु ( अ ) = पादपूर्ति नक्खत्ताणं ( नक्खत्त ) 6/2 तु ( अ ) = भेद भवे ( भव ) व 3/2 सक सोलाणि* ( सोल) 1/2 दुवे ( दु) 1/2 सहस्साणि ( सहस्स ) 1/2 * सोला→सोल→सोलाणि 123. अडयालसयसहस्सा [( अडयाल )- ( सयसहस्स ) 1/2] बावोस ( बावीस ) 2/1 वि खलु (अ) = पादपूरक भवे. ( भव ) व 3/2

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