Book Title: Devindatthao
Author(s): Subhash Kothari, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
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________________ देविंदत्थओ 278. निम्मलवगरयवण्णा [ ( णिम्मल )- ( दगरय)- (वण्ण ) 1/2]: तुसार-गोखोर हारसरिवण्णा [ ( तुसार ) - (गोखीर)- (हार) -(सरि )- (वण्ण ) 1/2 ] भणिया (भण) भूक 1/2 उ (अ) = पादपूर्ति जिणवरेहिं (जिणवर) 3/2 उत्ताणयछत्तसंठाणा [ ( उत्ताणय ) - ( छत्त)- ( संठाण ) 1/2 ] 279. पणयालीसं* ( पणयालीस ) 2/1 आयाम वित्थडा [ ( आयाम ) - (वित्थड ) 1/2 ] होइ ( हो) व 3/1 अक सयसहस्साई ( सयसहस्स) 1/2 तं (अ) = उससे तिगुणं (तिगुण ) 1/1 सविसेसं ( सविसेस ) 1/1 परीरओ ( परिरअ ) 1/1 होइ ( हो) व 3/1 अक बोधव्वो ( बोधव्व ) विधिकृ 1/1 अनि * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का सद्भाव पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137 वृत्ति ) 280. एगा ( एग) 1/2 जोयणकोडो [ ( जोयण )-( कोडि ) 1/1] बयालीसं* ( बयालीस ) 2/10 (अ) = और, सयससहस्साई (सयसहस्स ) 1/2 तीसं* ( तीस ) 2/1 सहस्सा ( सहस्स) 1/2 दो ( दो ) 1/2 य (अ)- और सया ( सय ) 1/2 अउणपन्नासा [ ( अउण )-(पन्नास ) 1/2 ] * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का सद्भाव पाया जाता है। . (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137 वृत्ति ) 281. खेत्तद्धयविच्छिन्ना [ (खेत्त) + ( अद्ध ) + ( विछिन्न)] [ (खेत्त) - ( अद्ध )-(विच्छिन्न ) भूकृ 1/2 अनि ] अद्वैव [ (अट्ठ)+ (एव) ] अट्ठ ( अट्ठ ) मूलशब्द 1/2 एव (अ) = ही जोयणाणि ( जोयण ) 2/2 बाहल्लं (बाहल्ल) 1/1 परिहायमाणो (परिहा) वकृ 1/1 चरिमंते ( चरिमअंत ) 1/1 मच्छियपत्ताओ [ (मच्छिय) -(पत्त ) 5/1 ] तणुययरी [ ( तणुय ) - ( यरि ) 1/2] 282. संखंकसन्निकासा [ (संख) + ( अंक ) + ( सन्निकासा)] [( संख) - ( अंक ) - ( सन्निकास ) 1/2 ] नामेण (नाम ) 3/1
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