Book Title: Devindatthao
Author(s): Subhash Kothari, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
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________________ व्याकरणिक विश्लेषण 145 सुदंसणा ( सुदंसण ) 1/2 अमोहा ( अमोह ) 1/2 य ( अ )और अज्जुणसुवण्णयमई [( अज्जुण) - ( सुवण्ण ) 'य' स्वार्थिक ( मइ ) 1/2 ] उत्ताणयछतसंठाणा [ (उत्ताणय) - ( छत्त)(संठाण ) 1/2 ] 283. ईसीपब्भाराए ( ईसीपब्भारा ) 6/1 उवरि (अ) = ऊपर की ओर खलु ( अ ) = निश्चयात्मक, जोयणम्मि ( जोयण) 7/1 लोगंतो [ ( लोग ) + ( अंतो ) 1 [ (लोग) - (अंत) 1/1 ] तस्सुवरिमम्मि [(तस्स) + (उवरिमम्मि)] तस्स(त) 6/1 स उवरिमम्मि (उवरिम) 7/1 भाए ( भाअ ) 7/1 सोलसमे ( सोलसम) 7/1 सिद्धमोगाढे [ ( सिद्धं ) + ( ओगाढे ) ] [ (सिद्ध ) - ( ओगाढ ) 1/1 ] 284. तत्थेते [ ( तत्थ ) + ( एते ) ] तत्थ ( अ ) = वहाँ एत ( एअ) मूलशब्द 1/2 स निच्चयणा (नि-च्चयण ) 1/2 अवेयणा (अ - वेयण) 1/2 निम्ममा ( निम्मम ) 1/2 असंगा (असंग) 1/2 य(अ) = और असरीरा [ (अ) - (सरीर)1/2 ] अ (अ) = अभाव, जीवघणा ( जीवघण ) 1/2 पएसनिव्वत्तसंठाणा [ (पएस )(निव्वत्त)- ( संठाण) 1/2 ] 285. कहिं ( अ ) - कहां, पडिहया ( पडिहय ) भूकृ 1/2 अनि सिद्धा (सिद्ध ) 1/2 पाइट्ठिया (पइट्ठिय) भूकृ 1/2 अनि बोंवि (बोंदि) 2/1 चइत्ताणं ( चअ ) संकृ कत्थ (अ) = कहाँ गंतूण (गंतण) सकृ अनि सिजाई ( सिज्झ ) व 3/1 सक। 286. अलीए ( अलोअ ) 7/1 पडिहया ( पडिहय ) भूकृ 1/2 अनि सिता ( सिद्ध ) 1/2 लोयग्गे [ ( लोय ) + ( अग्गे) ] [ ( लोय )( अग्ग ) 7/1] य ( अ ) = और पइट्ठिया ( पइट्ठिय ) भूकृ 1/2 अनि इहं ( अ ) = यहाँ बोंदि ( बोंदि ) 2/1 चइत्ताणं ( चअ ) संकृ तत्थ ( अ ) = वहाँ गंतूण ( गंतूण ) संकृ अनि सिमई* (सिज्झ ) व 3/1 सक * कभी-कभी पद में अन्त की क्रिया में 'इ' का 'ई' हो जाता है / (प्राकृत भाषाओं का व्याकरण-पिशेल- 138)
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