Book Title: Devindatthao
Author(s): Subhash Kothari, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
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________________ व्याकरणिक विश्लेषण 141 264. तत्थाऽऽसणा [( तत्थ ) + ( आसणा )] तत्थ (अ)= वहां पर आसणा ( आसण) 1/2 बहुविहा (बहुविह ) 1/2 सयणिज्जा ( सयणिज्ज ) 1/2 य ( अ ) = और मणिभत्तिसयचित्ता [(मणि) -(भत्ति ) - ( सय ) - (चित्त) 1/2 ] विरइयवित्थडदूसा [( विरइय )- (वित्थड)- (दस )1/2] रयणामयदामऽलंकारा [( रयणामय ) - ( दाम ) - ( अलंकार ) 1/2] 265. तेवीस ( तेवीस ) 1/2 जोयणसयाइ [( जोयण ) - ( सय )1/2] ढवीणं ( पुढवी ) 6/2 तासि ( तासि ) वि-होइ ( हो ) व3/1 अक बाहल्लं (बाहल्ल) 1/1 आणय-पाणयकप्पे [ ( आणय )( पाणय )- (कप्प )7/1] आरण-ऽच्चुए [(आरण) + (अच्चुए)]. [( आरण )- (अच्चुअ) 7/1] रयणविचित्ता [ ( रयण )(विचित्त) 1/2] उ ( अ ) = पादपूर्ति सा ( सा) 1/1 स पुढवी (पुढवी )1/1 266. तत्थ ( अ ) = वहाँ विमाण (विमाण ) मलशब्द 1/2 बहविहा (बहुविह )1/2 पासाया ( पासाय ) 1/2 य ( अ ) = और मणिवेइयारम्मा [( मणि)- ( वेइय) - ( रम्म) 1/2] वेरुलियथूभियागा [( वेरुलिय)- (थूमियागा ) मूलशब्द 1/2 ] रयणा. मयदामऽलंकारा [( रयणामय ) - ( दाम)- ( अलंकार )1/2] 267. संखंकसनिकासा [ ( संख ) - ( सन्निकास ) 1/2 ] सव्वे ( सव्व) 1/1 स दगरय-तुसारसरिवण्णा [ ( दगरय)-(तसार)- (सरि) - ( वण्ण ) 1/2 ] नव ( नव ) 1/1 य ( अ ) = और सते (सय) ___1/1 उविता ( उविद्ध ) 1/2 पासाया ( पासाय ) 1/2 तेसु (त) 7/2 स कप्पेसु ( कप्प) 7/2 _268. तत्थाऽऽसणा [ ( तत्थ ) + ( आसणा) ] तत्थ ( अ ) = वहाँ पर आसणा ( आसण ) 1/2 बहुविहा (बहुविह) 1/2 सयणिज्जा ( सयणिज्ज ) 1/2 य (अ) = और मणिभत्तिसयचित्ता [(मणि) - ( भत्ति )- ( सय )-( चित्त ) 1/2 ] विरइयवित्थडदूसा [ ( विरइय )- ( वित्थड)- (दूस) 1/2 ] रयणामयदाम - लंकारा [ ( रयणामय ) - ( दाम )- ( अलंकार ) 1/2 ]
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