Book Title: Devdravyadi Ka Sanchalan Kaise Ho
Author(s): Kamalratnasuri
Publisher: Adhyatmik Prakashan Samstha

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Page 3
________________ प्रति - २००० मूल्य - रू.१०/वि. संवत २०५३ ० प्रवर्तनीरत्ना साध्वीजी श्रीखान्तिश्रीजी म.सा. की प्रशिष्या प. पू. परमविदूषी साध्वीजी श्री हर्षित प्रज्ञाश्रीजी म. सा. नी सुशिष्या प. पू. नूतन साध्वीजी श्री धृतिरमा श्रीजी म. सा. ( सांसारिक हमारी पुत्री शर्मिला) नी वि.सं. २०५२ जेठ सुदी ९, सोमवार, ता. २७-५-९६ ना रोज स्वीकारेल दीक्षा अने संसारी अवस्थामां करेल ३१ उपवासनी तपश्चर्यानी अनुमोदनार्थे शा. माणेकचंद अमीचंदजी सादरिया पिंडवाडावाला नवी पेठ मु. पो. लोणंद (महाराष्ट्र ) -संडाला जिला- सतारा, तालुका -‍ पिन-४१५५२१ भयंकर दुःखों की खान रात्रि भोजन एवं अभक्ष्य विचार की पुस्तक प्रभावना देने के लिए खूब उपयोगी है । मूल्य रुपये ६-०० वीरप्रभु की अंतिम देशना :- जिसमें पुण्यपाल राजा को आठ स्वप्न आये उसको फल का विस्तार से वर्णन किया गया है । देवद्रव्यादि का संचालन कैसे हो ? मूल्य रुपये ३०-०० पक्की बाइन्डींग मूल्य रुपये १०-०० प्राप्तिस्थान :- आध्यात्मिक प्रकाशन संस्थान ८९/९१, जूनी हनुमान गली, धनजी मूलजी बिल्डींग, तृतीय तल, कमरा नं. ३७, मुंबई - ४००००२. फोन : २०१२०७१

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