Book Title: Devchandraji krut Chovishi Balavbodh
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 199
________________ रए चेतन्यकर्मचरित्र अथपजुमणनोस्तवनलिख्यते सखीयाव्योनावमास ॥ धरमनोधारीरे || सकल परव सिरदार ॥ मुक्तिमगमोरीरे ॥१॥ इणदिनवधतेदान ॥ शीयल तपकीजेरे ॥ नाव भक्तिजिनपूज ॥ शिवफललाजेरे ॥ २॥ अगईदिनशान ॥ गुरुना मुखथीरे ॥ सुणी एकलपवखांण ॥ सोले सुस्वथीरे ॥ ३ ॥ प्रभावना बहुनांत ॥ संगनीनगतिरे ॥ कीजेचैत्यजुहार ॥ गुरुनीजुगतिरे ॥ ॥ ४ ॥ अमारघोष दिनआठ ॥ श्रावकपालरे ॥ पजुसण निराबाध॥ सुखसमालेरे ॥ ५ ॥ वलिखांमणामाहोमाहिं। संबसंकरिएरे ॥ सास यपर्वआराधी ॥ सासटासुखवरीएरे ॥ ६ ॥ धरिएंविवेकमनमांहि ॥ वीरजिनवाणारे ॥ सुणीटोत्रिकरणसुछ ॥ मलूकनावाणीरे ॥ ७ ॥ ॥अथश्रीचेतन्यअनेकर्मनोचरित्रलिख्यते ॥ ॥दोहा॥ श्रीजिनचरणप्रणामकरी ॥ नावनक्तिवरान ॥ चेतनअरुकबु कर्मको ॥ कहूंचरित्रबखान ॥१ ॥ सोवतमाहामिथ्यात्वमे ॥ चिहुंग तिसज्यापाय ॥ वित्योकाल अनादितिहां ॥ जग्योनचेतनराय ॥२॥ किटोकर्मपथमहिंतिहां ॥ जग्योपरमदटालाल बोसुघसम्यकदरश। तोमीमाहाअघजाल ॥३॥ देखेषष्टीपसारीके॥ निजपरनवकोआदि।। एमेरेसंगकौनहे ॥ जमसेल गेअनादि।। ४ ॥ तबसुबुधिबोलाचतुर॥सुनहो कंतसुजान ॥ एतेरेसंगअरीलगे ॥ माहासुनटबलबान ॥ ५ ॥ कहो सुबुधिक्याकीजीए ॥ एउसमनसबखेरी ॥ ऐसीकलाबतायतुं ॥ बहरन आवफेरी ॥६॥ कहेसबुझिएकसीखसुनि ॥ जोतुंमानेकंत ॥ केतूंध्या टास्वरूपनिज || केनजले नगवंत ॥ ७॥ सुनकेसीख सुबुछिकी ॥ चेत नपकरीमौन ॥ उनीकुबुद्धिरिसाटाके ॥ हुंकुल खंपनिकौन ॥७॥ मे Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org


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