Book Title: Devchandraji krut Chovishi Balavbodh
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 210
________________ २०७ चेतन्यकर्मचरित्र सुनटसंगसूरले ॥ चढ्योमुमुबमरोल ॥२॥ कुमनजासुसबूलाटाके। कहेमोहनृपबात ॥ तुमसुधल्यावोवेगदे ॥ कहांसुनटवेसात ॥ ३ ॥ कुमनखवरपल मेदश् ॥ वेमुर्बितननपास || कबु विद्याकिजेश्हां॥ जोवे लहेप्रकास ॥ ४॥ मोहकरे विद्याविविध ॥ रागपिलसंग ॥ जनमेक जीयतिनयें ॥ कबुरहेमुरबितअंग ॥ ५॥ सुमनजासूससबग्यानपें ॥क हीमोहकीबात ॥ कहारहेतुमबेविके ॥ सुनटजीवावतसात ॥६॥ जोवे सातजियेकहुं ॥ तोतुमसुनिहोवात ॥ चेतनकेयेसुनटकों ॥ करिहेंपल मेघात ॥ ७ ॥ अरुमोहफोजेजोरिके ॥ आटोकरीधनीमान ॥ तुम होआपनेनाथकों ॥ खबरपदावोग्यान || 5 ॥ तवग्याननिजनाथपें ।। ज्योसम्यकवेग ॥ कहोवधाईजीतकी ॥ औरुयहबहुरिनदेग ॥ ५ ॥ बहुरि मिले वैऽष्टसब ॥ आएपूरकेमाहिं ॥ लरवेंकीमनसाकरे ॥ भागन कीबुधिनाहिं ॥ १० ॥ इहविधिसम्यकनावते॥ सबकहीजीवजाय ॥ सुनिकेप्रबलपचंमअति ॥ चढ्योज्युंचेतनराय॥११॥ महासुनटबल वंतअति ॥ चढ्योकटकदल जोर ॥ गुनअनंत सबसंगहुए ॥ कर्मद हनकीओर ॥१॥ आटामिलेसबग्यानकों ॥ किनोएक विचार ॥ अ बकेयूधएसोकरुं ॥ बहुरिनवंचेगमार ॥ १३ ॥ चढेसुनटसबजुधकों ॥ सुरवीरबलवंत ॥ आएअंतरभुमीमाहि ॥ चेतनदल सुंअनंत ॥१४॥ . ॥सोरग ॥ रोपिमहारणथं न ॥ चेतनधर्मसुध्यानकों ॥ देखतल गहिंगचंग ॥ मदनमोहकाफौजकों॥ १ ॥ ॥दोहा॥ दोकदल सनमुखनए ॥ मच्योमहासंग्राम ॥ इतचेतनजोधाबहु ॥ तनतेंमोहनृपनाम ॥ १ ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226