Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 16
Author(s): Parshuram Krishna Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 471
________________ 452 Tantra [427. Age.- Sarn. 1785. Author:- Saikara? ....... .. . Begins.- fol. 10 श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीगणपतिजयतिः ॥ अखंडमंडलाकारं घ्याप्तं येन चराचरं । चक्षुरीन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥१॥ डों अस्य श्रीशरभसालुवपक्षिराजाख्यकवचस्य शदाशिवऋषिः हती छंदः डों बीजं प्रकृतिशक्तिः पक्षिराजेति कीलकं सर्वरक्षाकरो विभुः परप्रयोगशांत्यर्थे सर्वशनिवारणार्थे चतुर्वर्गसिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।। etc. Ends. - fol. 6. उभयोः प्रायश्चित्तं शिवतावनामाक्षरद्वयोञ्चरितं ।। २७॥ मृत्युंजयाय रुद्राय नीलकंठाय शंभवे । .............. अमृतेसाय सर्वाय महादेवाय ते नमः ॥२८॥ इति श्रीमदाकाशभैरवकल्पे प्रत्यक्षसिद्धिप्रदे उमामहेश्वरसंवादे शंकरेण विरचिते शरबसालुवपक्षिराजाख्यकवचं संपूर्ण समाप्तं ॥ श्रीसांबशदाशिवार्पणमस्तुः ॥ संवत् १७८५ वर्षे मार्गाशर्षविदि ३० अमापाश्या बुधवाशरे लिखितमिदं पुस्तकं ॥ लेखकपाटकयोमंगलं भूयात् ।। श्रीरस्तुः ॥ श्लोकः १२०॥ श्री।। ) . . .. References.- See No. 426. 1887-91.2 शरभा पारिजात Sarabhārcāpārijāta 971 No. 428 Size.— 111 in. by sto in. Extent:- 16 leaves; Io lines to a page; 36 letters to a line. Description.- Country paper; Devanāgari characters; hand-writ ing legible%3 paper very rough, old, worn out and musty; one thick line in red ink on each border. Topics and colophons are tinged with red pigment.

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