Book Title: Chaturth Stuti Nirnay Shankoddhara
Author(s): Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
Publisher: Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh

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Page 7
________________ १० प्रस्तावना. माटे पत्रद्वाराए ते जूल्यो खुल्ली पाडवी जोइए. तथा पंचांगी अनुसारे आत्मारामजीनी साथे सनामां बेसीने चरचा करो एवं धात्मारामजीना तरफथी श्रावकोए का पण राजेंसूरिजीए ना कही,ए वात पण आंखमां रज पेसवानुं तेकाणुं नही त्यां मुसल पेसाडवानुं मोहोल करी लब्यु डे,पण विजयराजेंसूरिजी महाराजे बिलकुल सनानी ना कही नथी, पण तेमनुं कहेQ एवं बे के प्रात्मारामजीने बोलीने बदलवानो नय नथी, तेथी प्रथम कागल पत्रथी जे बाबत निर्णय करवानी होय ते सारु प्रश्नोत्तर करवां: तेथी निर्णय न थाय तो पढी जनर लसनामां जैनदर्शनी अने अन्यदर्शनीना सारासारा विद्वान सग्रहस्थोनी करवी तेमां जवाब वसाल करतां बधार्नु विद्वानपणुं अने पंमिताइ जणाआवशे; एम राजेंड्सूरिजीनो विचार हतो ते खुल्लो पड्यांबतां हवे अात्मारामजी तरफथी चरचापत्रमा लखेबे के सना करवी होय तो नगरशेत विगेरेने राजेंड्सूरि कही बंदोबस्त करी खबर आपे. पाते केवा अघटित विचारो ! जे के सना करवानुं प्रयत्न पोते करी पालथी बीजाने कहे, ए केवल पोतानी बधी तरफनी हीणशक्ति बतावी प्रापे . जो सना करवी होयतो अमने को रीते हरकत नथी माटे योग्य स्थले अमुक सारा सारा ग्रहस्थो

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