Book Title: Chaturth Stuti Nirnay Shankoddhara
Author(s): Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
Publisher: Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
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प्रस्तावना.
करतां एमने ला नावी तो पूर्वोक्त शुरु प्रश्नोने पोतानी हीनता घटाडवाने खोटा लखे तेमां तो शं श्राश्चर्य? पण अमोए जेवी रीते सामान्य प्रकारे खोट दावी तेवी रीते मुद्दानी खोट बापाद्वारे ते प्रश्नोनी दशा विहोत तो विद्वलनशुमशु-पनी खोलना करे अने मोढेथी खोटां कह्यां तो ते खोट कहेवावालाना मुखमांज प्रवेश करे. ए सुझजननो न्याय . तथा प्रस्तावना पृष्ट त्रीजामा संघना पत्रनी नक्कल लखी तेनो परमार्थ एम ने के परस्परना बापा देशावरोमां प्रसिध्थयां, पनी देशावरोना लोकना अंतःकरणमां ते बापां वांचतां एम ठश्युंके राजेंसूरिजीजीत्या, अने प्रात्मारामजी हास्या, तेथी केटनाक दहाडा पनी मेवाड देशमां सादडी,राणकपुर अने सिवगंजादिक स्थानोथी आत्मारामजीनी श्रझाना श्रावको तरफथी पत्र अाव्या तेनमां एवा लेख याव्या के अमदावादमा सना थइ तेमां राजेंड्सरिजी फ्रीत्या अने आत्मारामजी हास्या, एवी रीतना देशावरोना पत्र वांचीने आत्मारामजीना हैयामां पोतानी महत्वता घटवानी चिंता पेठी, तेथी नगरशेठजीने कडं के * राजेंइसूरिने जुते कागद लिखके हमारी नंमी मचाइहे* त्यारे नगरशेवजी प्रेमानाइए शेठ जयसिंहनाइ हठिनाइजीनी बहारली वाडिए जश्ने नपरनी कागल

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