Book Title: Charitra Sara
Author(s): Chamundrai, Indralal Shastri, Udaylal Kasliwal
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 5
________________ माणिकचन्द-ग्रन्थमाला। पूर्वप्रकाशित ग्रन्थ। १ लघीयस्त्रयादिसंग्रह । इसमें भट्टाकलंकदेवकृत लघीयस्त्रय सटीक, आचार्य अनन्तकीर्तिकृत लघु सर्वज्ञसिद्धि और बृहत्सर्वज्ञसिद्धि तथा अकलंकदेवकृत स्वरूपसम्बोधन, इन चार ग्रन्थोंका संग्रह छपा है । मूल्य ।) २ सागारधर्मामृत सटीक । पं० आशाधरकृत मूल और स्वोपज्ञ टीका सहित । मूल्य ।) ३ विक्रान्तकौरवीय नाटक । कवि श्रीहस्तिमल्लकृत । मू०१८) ४ पार्श्वनाथचरित । महाकवि वादिराजसूरिकृत सुन्दर काव्य । मूल्य ॥) ५ मैथिलीकल्याण नाटक । कवि श्री हस्तिमल्लकृत । मू० ।) ६ आराधनासार सटीक । मुल गाथा श्रीदेवसेनाचार्यकृत और संस्कृत टीका श्रीरत्नकीर्तिदेवकृत । मूल्य।)। ७ जिनदत्तचरित्र । आचार्य गुणभद्रकृत । मूल्य ।)॥ ८ प्रद्युम्नचरित्र । आचार्य महासेनकृत काव्य । मू०॥) मिलनेका पता-- श्रीजैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो० गिरगांव-बंबई। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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