Book Title: Buddhisagar
Author(s): Sangramsinh Soni
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 4
________________ प्रकाशकीय __ अनुवाद सहित बुद्धिसागर श्री संघ के करकमल में समर्पित करते हुए हमें आनन्द की अनुभूति हो रही है। श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के सन्निष्ठ समर्पित सहकारिगण की कडी महेनत और लगन से यह दुर्गम कार्य सम्पन्न हुआ है। इस अवसर पर श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के संशोधन प्रकल्प हेतु गुप्तदान करने वाले दाता एवं श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन करते है। हम उन संस्था एवं विद्वानों के भी आभारी है जो हमारा मार्गदर्शन और सहाय करते है पू.आ.श्री कैलाससागरसूरिजी ज्ञानमंदिर,श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा। श्री लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अमदावाद। भाण्डारकर प्राच्यविद्या संशोधन संस्थान,पुणे पद्मश्री कुमारपाळ देसाई, डॉ. श्री जितेन्द्र बी. शाह, श्री बाबुभाई सरेमलजी। इस ग्रन्थ के प्रकाशन का अलभ्यलाभ सरस्वतीलब्धप्रासाद परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसुंदरसूरीश्वरजी म.सा.की पावन प्रेरणा से श्री माटुंगा जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ माटुंगा, मुंबई ने ज्ञानद्रव्य से प्राप्त किया है। आपकी अनुमोदनीय श्रुतभक्ति के लिये हम आपके आभारी है। भरत जगमोहनदास शाह (मानद अध्यक्ष)

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