Book Title: Bhagwad Gita Vivechanatmak Shabdakosh
Author(s): Prahlad C Divanji
Publisher: Munshiram Manoharlal Publishers Pvt Ltd

Previous | Next

Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ADDENDA et CORRIGENDA PART I B. At p. 170 in entry No. 21 line 1 in place of Nom. sing. of the neu. read Acc. sing. of the mas. " 177 , 203 , 4 , याध्यमानाः read योध्यमानाः , 184 , 373 , 1 ,, समदुःखसुख स्वप्नः read समदुःखसुखस्वप्न. APP. I. At p. 191 between entries Nos. 19 and 20 insert the following: 19m 6.23 निर्विण्णचेतसा अनिर्विण्णचेतसा Sankara, Anandagiri and Daivajña Pandit. At p. 191 in entry No. 24 Col. 4 in place of (तस्य तस्य अव) read तस्य तस्य अचलाम् ). 226 APP. II. At p. 199 in entry No. 68 Col. 4 in place of अर्जून read अर्जुन , 204 in foot-note (12) , 3 , योगीमयी योगी मयी ,, 204 , (12) ,, 4 , मथ्येवासौ , मय्येवासौ ,, 205 in entry No. 122 ,, 3 , नेहभूयोऽन्यत् ,, नेह भूयोऽन्यत् ,, 209 in foot-note 9 ,, 4 ! ,, धातूनामस्मि काञ्चनस् read धातूनामस्मि काञ्चनम्. ,, 212 , 13 ,, 1 , अनन्तवीयोंमितविक्रमस्वम् read अनन्तवीर्योमितविक्रमस्त्वम्. PART II A. At p. 225 in entry No. 6 line 1 in place of (अक्षीणि शिरासि read (अक्षीणि शिरांसि. 18, 7 अतिशयमश्नातीति read अतिशयमनातीति. तथा read तया. (मपि) ,, (मयि) अन्य भाक् अन्यभाक्. अरेश्च पक्ष , अरेश्च पक्षः. , ज्ञानावस्थित चेताः,, ज्ञानावस्थितचेताः रागारजकम् , रागात्मकम् . ,, कामक्रोधो, ताभ्यांः,, कामक्रोधी, ताभ्याम् . 250 ,, (२०) कर्मसण्यासात् ,, (२४) कर्मसण्यासात्. 246 278 कुरु श्रेष्ठः कुरुश्रेष्ठः 247 ,, (उत्पादन्ति) , ( उत्पादयन्ति). दृष्टव्य , दृष्टव्यः . 301 यज्ञतपक्रियाः, यज्ञतपःक्रियाः. क्षेत्रं य जानाति सः क्षेत्रज्ञः, तस्य read (क्षेत्र य: जानाति सः क्षेत्रज्ञः, तस्य). 2 • , () गतागत म् read () गतागतम् . 227 228 233 149 234 241 243 naw NW 215 286 248 3 248 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 ... 411