Book Title: Balavbodh Mokshmala
Author(s): Mansukhlal Ravjibhai Mehta
Publisher: Mansukhlal Ravjibhai Mehta

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Page 26
________________ पूर्ण रीते तेओ अदृश्य थया. पोतानी शक्ति अने बुद्धिबळनो उपयोग पोताना समुदायवर्गमां अने विस्तारथी समग्र लोकने शिक्षा अने ज्ञानबोध आपवामा करवा माटे तेमणे निश्चय कर्यो. तेओ घणी नानी उमरथी अतिशय परिमाणमां वांचनार हता. तेमणे षड्दर्शननी आलोचना करी; अने तेनी साथे पूर्व तेमज पश्चिमनी फिलमुफीमां दर्शनो जोगां. जो के आश्चर्यकारक लागशे, परंतु आतो वास्तविक सत्य छे के तेमने पुस्तकने पूर्ण रीते ग्रहण करवाने फक्त एकज वखत बांचवाबी जरूर ए शक्तिओ खरेज अद्भुत अने असाधारण छ; अने ते केम खीले छे तथा कामे लागे छ तेनी तपास करी तेनो लाभ लेवानी तमधीज करवी जोईए छे. आटलुं तो खरं छे के, एवी शक्ति कुदरतनी एक बक्षीश मात्र छे, अने ते कोईज भाग्यशाळी गृहस्थने अपण थयेली होय छे; पण ते खीली के वधी शके के नहीं अने माणस जातना कारोबार तथा बहेवारमा आवी शके के नहीं ते नक्की करवानी जरुर छे. केटलीक तरफथा एवं मानवामां आवे छे के, ते तेवा उपयोगमा आवी शके ही; अने जो लेवा मांगे, तो तेनुं बळ ओर्छ थतुं जाय. आमां केटली सचाई छे ते पण शोधी काढवू जोईए. जो ए शक्ति एवा उपयोगमां आवी शके नहीं तो पछी ते मात्र जोवानी अने नवाईनीज थई पडे. पण आपणे एकदम तेम मानीशं नहीं. माणस जातमां ईश्वरे मेलेली दरेक शक्तिओ खोलवीने वधारी शकाय छे, तेम उपली अद्भुत शक्तिओना संबंधमां पण थQ जोईए; अने जो तेम होय तो पछी आवा चमत्कारिक पुरुषोने उत्तेजन आपी तेमनी शक्ति खीलववा अने तेने लोकोपयोगी काममां आणवानी कोशेष करवाथी आपणे पछात पडवू जोईतुं नथी. एवा पुरुषो जो युरोप के अमेरिकामां होय तो तेओ मोटां मान अने दोलते पोषाय; तथा प्रजा अने सरकार तेमने उत्तेजन आपी आगळ वधार्या वगर रहे नहीं अत्रे पण तेमज थर्बु जोइए छ; अने तेम थशे तोज एवा नामीचा पुरुषोनो आपणामां वधारो थशे. आ वात पण तपासवा जोग छे के, एवा पुरुषो अत्यार सुधी हिंदु कोममाथीज मळी आवे छे. मोहमेदन, पारसी वगेरे कोममांथी तेओ मळी आवतां नथी एनुं कारण ? शुं एवा पुरुषो चोकस जातमांज जन्म पामे छे अथवा वंशपरंपरा उतरे के ए सर्व बाबतोनी तपास करतां अगत्यना खुलासा मळशे, अने तेथी एवा पुरुषो उत्पन्न थवानो काई नियम जणावा जोडे तेमनी वृद्धिथी प्रजाने फायदो थशे.

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