Book Title: Arhat Vachan 2011 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore
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नियुक्ति
।
भाष्य | चूर्णि ।
अर्हत् वचन, 23 (4), 2011
कालक्रम से शताब्दी
टीकाकार 12 वीं र्स.शदी | श्रीचन्द्रसूरि/
पार्श्वदेवगणी (1117)
लोकभाषा में संस्कृत टीका |
रचित व्याख्या निशीथ चूर्णि दुर्गपद व्याख्या (1117 पूर्ण की) निरयावलिकावृत्ति, नंदीसूत्र हरिभद्रीय टिप्पणक ओधनियुक्ति वृत्ति
द्रोणाचार्यसूरि 1149 मलयगिरि (11-12ई.शदी)
नंदीवृत्ति, प्रज्ञापनावृत्ति, सूर्यप्रज्ञप्ति,जीवाजीवाभिगम वृत्ति, व्यवहारवृत्ति, पिण्डनियुक्तिवृत्ति, आवश्यक विवरण (अपूर्ण प्राप्त) बृहत्कल्पपीठिका वृत्ति की
अपूर्ण टीका जीतकल्प बृहद् चूर्णि विषमपद व्याख्या (प्रा. 1170 में पूर्ण की)
मलयगिरिरचित बृहद् कल्प की अपूर्ण टीका पूर्ण की
सिद्धसेनासूरि (1170)
13वीं ई. शदी क्षेमकीर्ति
(1275)
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